मुहावरे हमारे भाषा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। वे हमें जीवन के विभिन्न पहलुओं की सीख देते हैं और हमारी भाषा को भी रिच और रंगीन बनाते हैं।
आज हम एक ऐसे मुहावरे पर बात करेंगे जिसका अर्थ है, "Hath kangan ko arsi kya padhe likhe ko farsi kya" और इसका meaning समझएंगे।
Hath kangan ko arsi kya padhe likhe ko farsi kya meaning.
इस मुहावरे का अर्थ है कि कुछ स्थितियों में कुछ चीजें अत्यन्त आवश्यक नहीं होतीं हैं और उनका उपयोग व्यर्थ हो सकता है। इसे एक उदाहरण के साथ समझते हैं:
एक महिला जो कंगन पहनकर हाथ को सजाती है, उसके लिए दर्पण का क्या महत्व है? क्या वह दर्पण में अपने हाथ को देखकर कुछ बदल सकती है? इसका अर्थ है कि कई बार हम कुछ काम करते हैं जिनके लिए हमें वास्तव में उपयोग नहीं होता, लेकिन हम फिर भी वो काम करते हैं।
दूसरी ओर, जो व्यक्ति पढ़े लिखे हैं, उसके लिए एक और विदेशी भाषा जैसे कि फारसी का क्या महत्व है? क्या उसके लिए और ज्ञान का होना वास्तव में जरूरी है? इसका अर्थ है कि वो व्यक्ति पहले से ही ज्ञानवान है, और उसे और ज्ञान की आवश्यकता नहीं है।
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